फुनाफुटी। विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने शुक्रवार को कहा कि प्रशांत द्वीपीय देश तुवालु में युवाओं को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। बंगा ने बढ़ते समुद्री स्तर के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति का दौरा किया।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के प्रमुख की तुवालु की पहली यात्रा पर परिवर्तनों का प्रभाव स्पष्ट था, क्योंकि इस छोटे से देश ने अपने बंदरगाहों को मजबूत किया तथा तटीय भूमि पर पुनः अधिकार कर लिया।
पिछले वर्ष जून में शीर्ष पद संभालने के तुरंत बाद बंगा ने 80 वर्षों में पहली बार वैश्विक ऋणदाता के कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए, रहने योग्य ग्रह में गरीबी उन्मूलन के नारे के तहत जलवायु परिवर्तन को भी इसमें शामिल कर लिया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 2050 तक तुवालु के मुख्य शहर फुनाफ़ुती का आधा हिस्सा ज्वार से जलमग्न हो जाएगा। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के साथ किए गए जलवायु प्रवास समझौते से उसके लोगों को तब आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया है जब उसके एटोल रहने लायक नहीं रह जाएंगे।
बंगा ने उन युवाओं से बात की जिन्होंने बताया कि उन्होंने उनसे कहा था कि घर छोड़ना उनकी “प्लान बी” है।
“जब वे बड़े हो रहे हैं तो उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल क्यों नहीं मिलनी चाहिए? यह सिर्फ जीवित रहने का सवाल नहीं है। यह जीवन की गुणवत्ता का सवाल है।”
बंगा ने कहा कि वह चाहते हैं कि विश्व बैंक तेजी से आगे बढ़े, प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करे, प्रशांत द्वीप समूहों के साथ अपने ज्ञान को साझा करे और युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करे।