अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सिंगापुर के निकट जलक्षेत्र में दो बड़े तेल टैंकरों में आग लग गई, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ विश्व के सबसे बड़े ईंधन बंदरगाह पर परिचालन पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
सिंगापुर समुद्री एवं बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) ने कहा कि उसे शुक्रवार को सुबह 6:15 बजे (2215 जीएमटी) सिंगापुर ध्वज वाले टैंकर, हफ़निया नाइल, तथा साओ टोम एवं प्रिंसिपे ध्वज वाले टैंकर, सेरेस I में आग लगने की सूचना मिली।
इसने बिना विस्तार से बताए कहा कि एक हेलीकॉप्टर ने चालक दल के दो सदस्यों को सिंगापुर जनरल अस्पताल पहुंचाया।
सोशल मीडिया पर एक बयान में सिंगापुर नौसेना ने कहा कि फ्रिगेट आरएसएस सुप्रीम ने जहाजों से चालक दल को बचा लिया है और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है। इसने तुरंत विवरण नहीं दिया।
ये जहाज सिंगापुर के पेड्रा ब्रांका द्वीप से लगभग 55 किलोमीटर (34 मील) उत्तर-पूर्व में सिंगापुर जलडमरूमध्य के पूर्वी रास्ते पर थे। नौसेना द्वारा जारी की गई तस्वीरों में एक टैंकर से घना काला धुआँ निकलता हुआ दिखाई दे रहा है।
आग लगने का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है।
केप्लर और एलएसईजी के जहाज-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, 74,000 डेडवेट-टन क्षमता वाला पैनामैक्स टैंकर हैफ़निया नाइल (आईएमओ 9766217) लगभग 300,000 बैरल नेफ्था ले जा रहा था।
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि सेरेस I (IMO 9229439) किस ईंधन से भरा हुआ था। यह टैंकर 300,000 डेडवेट-टन क्षमता वाला एक बहुत बड़ा क्रूड-कैरियर (VLCC) है और जहाज-ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि इसे आखिरी बार मार्च से अप्रैल के बीच ईरानी क्रूड ले जाते हुए देखा गया था।
सिंगापुर एशिया का सबसे बड़ा तेल व्यापार केंद्र और दुनिया का सबसे बड़ा बंकरिंग बंदरगाह है तथा इसके आसपास के जल क्षेत्र एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व के बीच महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग हैं।