कराची:
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने लघु एवं मध्यम आकार के उद्यम (एसएमई) क्षेत्र की वित्त तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए स्वच्छ ऋण सीमा को बढ़ाकर 10 मिलियन रुपये कर दिया है।
बैंकिंग नियामक ने एसएमई वित्तपोषण के लिए प्रूडेंशियल विनियमों में संशोधन किया और स्वच्छ वित्तपोषण सुविधा की सीमा के संबंध में एसएमई विनियमन आर-4 को तदनुसार अद्यतन किया गया, ताकि एसएमई उधारकर्ताओं के लिए स्वच्छ ऋण सीमा को 5 मिलियन रुपये से बढ़ाकर 10 मिलियन रुपये किया जा सके।
एसबीपी के एसएमई, आवास और सतत वित्त विभाग ने एक परिपत्र जारी कर सभी बैंकों और विकास वित्त संस्थानों (डीएफआई) के प्रमुखों को राष्ट्रीय एसएमई नीति 2021 के आलोक में उठाए गए नियामक उपायों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।
परिपत्र में कहा गया है, “बैंक और डीएफआई एक एसएमई उधारकर्ता पर 10 मिलियन रुपये तक का स्वच्छ जोखिम (केवल व्यक्तिगत गारंटी के खिलाफ सुरक्षित एसएमई के नकदी प्रवाह के आधार पर दी जाने वाली सुविधाएं) ले सकते हैं।” इसमें स्पष्ट किया गया है कि “स्वच्छ जोखिम सीमा में क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत ऋण जैसी स्वच्छ उपभोक्ता वित्तपोषण सीमाएं शामिल नहीं होंगी, जो उपभोक्ता वित्तपोषण के लिए विवेकपूर्ण विनियमों के तहत एसएमई प्रायोजक को दी जाती हैं।”
केंद्रीय बैंक ने पहले ही संबंधित विनियमों – विनियमन एसई आर-1 और विनियमन एमई आर-1 में संशोधन करके एसएमई की परिभाषा को संशोधित कर दिया था।
संशोधित परिभाषा के अनुसार, 150 मिलियन रुपये तक का वार्षिक बिक्री कारोबार वाला उद्यम ‘लघु उद्यम’ की श्रेणी में आएगा, जबकि 150 मिलियन रुपये से 800 मिलियन रुपये तक का वार्षिक बिक्री कारोबार वाला उद्यम ‘मध्यम उद्यम’ की श्रेणी में आएगा।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों और डीएफआई को सलाह दी कि वे अपने सभी कार्यालयों और शाखाओं में संशोधन को प्रसारित करना सुनिश्चित करें ताकि इसका सही अर्थों में अनुपालन हो सके, जबकि प्रूडेंशियल विनियमों का अनुपालन न करने पर बैंकिंग कंपनी अध्यादेश, 1962 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।