प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को घोषणा की कि बिजली की कीमतें कम करना पीएमएल-एन सरकार और उसके सहयोगियों की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिजली उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना पीएमएल-एन अध्यक्ष मुहम्मद नवाज शरीफ और उनके प्रशासन का प्रमुख एजेंडा है।
कैबिनेट बैठक में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बिजली की कीमतें कम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि बिजली की लागत में कमी के बिना कृषि और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों को विस्तार करने में कठिनाई होगी, तथा इस बात पर बल दिया कि उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मकता कम ऊर्जा कीमतों से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है।
शरीफ ने बिजली संबंधी मुद्दों के राजनीतिकरण की आलोचना की तथा इसे समाधान चाहने वाली जनता के प्रति अनादरपूर्ण बताया।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह देश को बेहतर रास्ते पर लाने के लिए संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) और ऊर्जा क्षेत्र में अकुशलता और भ्रष्टाचार को दूर करे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार लोगों की समस्याओं से पूरी तरह अवगत है और उनके समाधान के लिए अथक प्रयास कर रही है।
पीएमएल-एन की पिछली उपलब्धियों को याद करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि उनकी सरकार ने 20 घंटे की दैनिक लोड-शेडिंग के मुद्दे को हल कर दिया है।
उन्होंने पाकिस्तान के बिजली उत्पादन में निवेश करने के लिए चीन की प्रशंसा की, जबकि अन्य बहुत कम देश ऐसा करने को तैयार थे।
2015 में सरकार ने 500 मेगावाट क्षमता वाले चार एलएनजी संयंत्र स्थापित किए तथा इनकी टर्बाइन दक्षता 64 प्रतिशत थी, इन पहलों का श्रेय नवाज शरीफ को दिया गया।
इन संयंत्रों के लिए NEPRA का टैरिफ 8.5 डॉलर था, लेकिन इनका निर्माण मात्र 450,000 डॉलर प्रति संयंत्र की लागत से किया गया।
प्रधानमंत्री शहबाज ने इन समझौतों का बचाव करते हुए कहा कि ये पाकिस्तान के ऊर्जा संकट से निपटने के लिए गंभीर प्रयास हैं।
प्रधानमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनता को पीएमएल-एन सरकार द्वारा लोड-शेडिंग समाप्त करने के प्रयासों के बारे में सूचित करें।
उन्होंने बिजली बिल भुगतान के लिए 10 दिन का विस्तार देने तथा औद्योगिक बिजली दरों में 8.5 रुपए प्रति यूनिट की कटौती करने की भी घोषणा की, साथ ही उद्योग को 170 अरब रुपए की सब्सिडी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त, शरीफ ने बिजली चोरी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों पर प्रकाश डाला तथा अंतरिम सरकार, सिंध और पंजाब सरकारों और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की उनके समर्पण की प्रशंसा की।
उन्होंने वेतनभोगी वर्ग पर पड़ने वाले बोझ पर चिंता व्यक्त की, लेकिन कहा कि प्रति माह 200 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 50 अरब रुपये की सब्सिडी दी गई।
शरीफ ने स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के साथ चल रही समस्याओं को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि सरकार इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है, हालांकि यह काम रातोरात नहीं होगा।