अरशद नदीम की जीत पाकिस्तान के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर थी, जिससे वह एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने वाले देश के पहले एथलीट बन गए।
उन्हें पूरे देश से सराहना मिल रही है।
सीमाओं और खेल प्रतिद्वंद्विता से परे, नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी ने ओलंपिक पुरुष भाला फेंक फाइनल के बाद अपनी ईमानदार और शालीन टिप्पणियों से भारत और पाकिस्तान भर के प्रशंसकों की प्रशंसा हासिल की।
अपने बेटे नीरज चोपड़ा के रजत पदक जीतने के बावजूद, सरोज देवी ने पाकिस्तान के अरशद नदीम के प्रति गर्व और गर्मजोशी व्यक्त की, जिन्होंने 92.97 मीटर की रिकॉर्ड तोड़ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
सरोज देवी ने कहा, “हम रजत पदक से खुश हैं। जिसने स्वर्ण पदक जीता (अरशद नदीम) वह भी मेरा बच्चा है।” उनके शब्दों ने दोनों देशों के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद एथलीटों के बीच मौजूद आपसी सम्मान और सौहार्द को उजागर किया।
अरशद नदीम के असाधारण थ्रो ने न केवल एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया, बल्कि उन्हें भाला फेंक की सर्वकालिक सूची में छठा स्थान भी दिलाया।
नदीम की यात्रा दृढ़ संकल्प और लचीलेपन की रही है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में गैर-क्रिकेट एथलीटों के सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाया है, जहां संसाधन और समर्थन अक्सर दुर्लभ होते हैं।
भारत के मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए रजत पदक जीता। हालांकि, फाइनल में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा और उन्होंने अपने छह प्रयासों में से पांच में फाउल किया।