मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान की निर्यात रणनीति में कई खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि इनके कारण देश अपने निर्यात को बढ़ाने में असमर्थ है।
पाकिस्तानी सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में आईएमएफ ने पाकिस्तान के व्यापार प्रदर्शन में महत्वपूर्ण कमज़ोरियों को उजागर किया है। पहचाने गए प्रमुख मुद्दों में भुगतान पर प्रतिबंध, आयात में बाधाएँ और प्रतिकूल विनिमय दरें शामिल हैं।
आईएमएफ का सुझाव है कि पाकिस्तान को अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए निर्यात और आयात दोनों में वैश्विक बाजार के रुझान पर विचार करना चाहिए।
निर्यात प्रदर्शन में सुधार के लिए, आईएमएफ आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर स्थानीय उद्योगों में और अधिक मूल्य संवर्धन की सिफारिश करता है।
इससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और पाकिस्तानी उत्पादों का मूल्यवर्धन होगा।
रिपोर्ट में अन्य देशों के साथ तुलना करते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान का निर्यात बांग्लादेश, भारत, वियतनाम और थाईलैंड की तुलना में काफी कम है।
इसमें सुझाव दिया गया है कि पाकिस्तान को वस्त्र और कृषि उत्पादों के अलावा अपने निर्यात क्षेत्रों में भी विविधता लानी चाहिए।
आईएमएफ ने पाकिस्तान की आर्थिक टीम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन चुनौतियों से निपटने हेतु एक व्यापक आर्थिक योजना विकसित करने का अनुरोध किया है।