इस्लामाबाद:
संघीय सरकार ने इस साल जून तक के घरेलू और विदेशी ऋणों का ब्यौरा जारी किया है। साथ ही, अगले 16 वर्षों में घरेलू और विदेशी ऋणों के पुनर्भुगतान की रूपरेखा भी साझा की है।
वित्त मंत्रालय द्वारा नेशनल असेंबली में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, इस वर्ष जून तक देश का कुल ऋण 71 ट्रिलियन रुपये था, जिसमें से 47 ट्रिलियन रुपये से अधिक घरेलू ऋण और 24 ट्रिलियन रुपये से अधिक विदेशी ऋण है।
इस प्रकार, कुल ऋण का 66% हिस्सा घरेलू ऋण है, जबकि 34% विदेशी ऋण है।
घरेलू ऋण सरकारी प्रतिभूतियों के निर्गम के माध्यम से जुटाया गया है, जबकि विदेशी ऋण विकास साझेदारों और वाणिज्यिक संस्थाओं से प्राप्त किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने 2024 से 2040 तक, अगले 16 वर्षों के लिए ऋण चुकौती कार्यक्रम प्रस्तुत किया है। दस्तावेजों के अनुसार, 2024 में 18.7 ट्रिलियन रुपये चुकाए जाएंगे, इसके बाद 2025 में 8.7 ट्रिलियन रुपये चुकाए जाएंगे। 2026 में 7.6 ट्रिलियन रुपये और 2027 में 4.3 ट्रिलियन रुपये चुकाए जाएंगे।
दस्तावेजों के अनुसार, 2028 में 6 ट्रिलियन रुपये चुकाए जाएंगे, और 2029 में सरकारी ऋण के लिए 8.4 ट्रिलियन रुपये का भुगतान किया जाएगा। 2030 में 2.4 ट्रिलियन रुपये, 2031 में 2.6 ट्रिलियन रुपये और 2032 में 1.1 ट्रिलियन रुपये से अधिक का भुगतान किया जाना निर्धारित है।
2033 में 1.2 ट्रिलियन रुपए, 2034 में 800 बिलियन रुपए तथा 2035 में 900 बिलियन रुपए का घरेलू एवं विदेशी ऋण चुकाया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2036 में 800 बिलियन रुपये, 2037 में 600 बिलियन रुपये, जबकि 2038 और 2039 में कुल 1 ट्रिलियन रुपये चुकाए जाएंगे। अनुसूची के अनुसार, 2040 के लिए 800 बिलियन रुपये के घरेलू और विदेशी ऋण चुकौती की योजना बनाई गई है।