वाशिंगटन:
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने सोमवार को कहा कि उसके विशेषज्ञों ने यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) के क्षतिग्रस्त कूलिंग टॉवर का दौरा किया और वहां किसी ड्रोन का अवशेष नहीं मिला।
आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने एक बयान में कहा, “अवलोकनों के आधार पर, टीम ने यह आकलन किया कि यह संभव नहीं है कि आग का प्राथमिक स्रोत कूलिंग टॉवर के आधार से शुरू हुआ हो।”
उनकी यह टिप्पणी यूक्रेन और रूस के बीच आरोप-प्रत्यारोप के एक दिन बाद आई है, जब रूस-नियंत्रित विद्युत संयंत्र की शीतलन प्रणाली में आग लगने की खबरें आई थीं।
रूस ने यूक्रेनी सेना पर मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) से कूलिंग टावर पर हमला करने का आरोप लगाया, जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूसी सैनिकों पर प्लांट में आग लगाने का आरोप लगाया।
ग्रॉसी ने बताया कि प्रभावित कूलिंग टॉवर का दौरा करते समय टीम ने पानी के नोजल वितरण स्तर के पास, ऊपर की ओर आंतरिक उपकरणों में जले हुए क्षेत्र देखे।
उन्होंने बताया कि जले और पिघले प्लास्टिक सहित मलबे के नमूने एकत्र किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “इस दौरान न तो टायर और न ही ड्रोन के अवशेष देखे गए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि टीम ने पुष्टि की है कि कूलिंग टॉवर के आधार पर स्थित मलबे, राख या कालिख में कोई गड़बड़ी के संकेत नहीं थे, तथा संयंत्र की परमाणु सुरक्षा प्रभावित नहीं हुई थी।
ग्रॉसी ने कहा, “टीम अब तक के निष्कर्षों और टिप्पणियों के आधार पर निर्णायक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।” उन्होंने कहा कि IAEA अतिरिक्त समीक्षा और जल नोजल वितरण स्तर और ठंडे पानी के बेसिन तक पहुंच के बाद अपना समग्र विश्लेषण जारी रखेगा।