चीन की मानवयुक्त गहरे समुद्र में चलने वाली पनडुब्बी जियाओलोंग ने अगस्त 2009 में अपने पहले मिशन के बाद से रविवार को अपना 300वां गोता पूरा किया।
जियाओलोंग ने एक वैज्ञानिक और दो पनडुब्बी चालकों के दल के साथ पश्चिमी प्रशांत महासागर में गोता लगाया। यह चल रहे वैज्ञानिक अभियान में 18 नियोजित गोता में से पहला था।
इस पनडुब्बी को चीन के डीप सी नम्बर 1 अनुसंधान पोत द्वारा ले जाया जा रहा है, जिस पर चीनी और विदेशी वैज्ञानिक सवार हैं तथा यह पोत 10 अगस्त को पूर्वी चीन के शांदोंग प्रांत के क़िंगदाओ से रवाना हुआ था।
पश्चिमी प्रशांत महासागर में अपने 45 दिवसीय अभियान के दौरान, जियाओलोंग को गहरे समुद्र के जीवों, समुद्री जल और तलछट को इकट्ठा करना है, जिसका उद्देश्य समुद्री पर्वतों के अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण के बारे में हमारी समझ को गहरा करना है।
2009 से, जियाओलोंग ने प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अटलांटिक महासागर में अन्वेषण किया है, जिसके तहत गहरे समुद्र में कुल 900 यात्राएं की गई हैं।