चीन ने पाकिस्तान में तीन कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को आयातित कोयले से स्थानीय कोयले में परिवर्तित करने को मंजूरी दे दी है, जो ऊर्जा लागत को कम करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम है।
सूत्रों ने पुष्टि की है कि वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब और ऊर्जा मंत्री ओवैस लेघारी, जो इस समय चीन की यात्रा पर हैं, ने इस समझौते में मदद की।
प्रभावित संयंत्रों में 1,320 मेगावाट का साहिवाल कोल पावर प्लांट, 1,320 मेगावाट का हब पावर प्लांट और 1,320 मेगावाट का पोर्ट कासिम पावर प्लांट शामिल हैं, जो पाकिस्तान में सबसे महंगी बिजली उत्पादन के लिए जाने जाते हैं।
चीनी प्रतिनिधिमंडल ने इन कोयला विद्युत संयंत्रों की पुनः रूपरेखा तैयार करने के संबंध में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे स्थानीय कोयले की ओर बदलाव सुनिश्चित हो सके।
दोनों देशों ने इस रूपांतरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक भावी कदमों की रूपरेखा भी तैयार की।
इसके अतिरिक्त, चीनी अधिकारियों ने पांडा बांड के संबंध में पाकिस्तान को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत हुआ।
पाकिस्तानी और चीनी अधिकारियों के बीच विद्युत संयंत्रों के रूपांतरण और पुनःरूपांकन पर चर्चा के लिए बैठकें जारी रहेंगी।