इस्लामाबाद:
संघीय ऊर्जा मंत्री (विद्युत प्रभाग) सरदार अवैस अहमद खान लेघारी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि ऊर्जा सुधारों के कार्यान्वयन के माध्यम से जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में लेघारी ने कहा कि सरकार स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के मुद्दों की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रही है तथा उनके साथ बातचीत और परामर्श के माध्यम से बिजली की कीमतें कम करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, “सरकार की प्राथमिकता लोगों के हितों का ध्यान रखना है, न कि किसी अभिजात वर्ग या पूंजीपतियों का।”
जलविद्युत परियोजनाओं पर चर्चा करते हुए लेघारी ने कहा, “इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रणाली में लगभग 10,000 मेगावाट बिजली जुड़ेगी।”
उन्होंने कहा, “सरकार बिजली क्षेत्र में खामियों की पहचान कर और उन्हें दूर करके सस्ती बिजली पैदा करने में सक्षम होगी।”
चीन के साथ वार्ता के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा, “ऋण का पुनर्निर्धारण एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिससे बिजली की कीमतों में कमी आने और बिजली की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है।”
उन्होंने कहा कि इन सुधारों का एक अन्य प्रमुख घटक बिजली उत्पादन संयंत्रों को आयातित कोयले से स्थानीय कोयले में परिवर्तित करना है, जिससे प्रति यूनिट बिजली की लागत में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।
मंत्री ने बिजली क्षेत्र में सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और विश्वास जताया कि ये उपाय मौजूदा चुनौतियों का समाधान करेंगे और क्षेत्र के वित्तीय ढांचे को स्थिर करेंगे। उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “सरकार कम आय वाले बिजली उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और इस बात पर जोर दिया कि यह सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।”